Monday, April 29th, 2024

आरजीपीवी कैंपस से रुपए भरा पर्स छोड़ टीवी और लैपटाप ले गए चोर

11 लाख रुपए खर्च करने के बाद नहीं रुक रहीं आरजीपीवी में चोरियां 
भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सुरक्षाकर्मी पर हर माह 11 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। इसके बाद भी केबीएस सिक्युरिटी एजेंसी चोरी पर विराम नहीं लग पा रहा है। लड़के राधी रात को हास्टल में घुस जाते हैं, तो प्रोफेसरों के घर से चोरी हो जाती है। चोरी की घटना बढ़ने से एजेंसी से जवाब भी तलब करने की व्यवस्था चल रही है। अनुबंध के तहत चोरी हुए सामान की कीमत सुरक्षा एजेंसी से वसूली जाएगी।  
आरजीपीवी कैंपस में पालीटेक्निक में पढ़ाने वाले प्रोफेसर कास्तू द्विवेदी रहते हैं। रात को उनके घर की खिड़की में लगी गिरिल को काटकर चोर घुस गए। चोर प्रोफेसर द्विवेदी का टीवी और लैपटाप उठा ले गए। चोरी के पहले चोर ने प्रोफेसर द्विवेदी के बैडरूम के दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया। इसके कारण उन्हें चोरी की भनक तक नहीं लग सकी। हालांकि घर में उनके प्रोफेसर द्विवेदी की पत्नी का पर्स रखा था, जिसमें काफी रूपए थे। चोर उनके पर्स में रखे रूपए छोड़ गया है। प्रोफेसर द्विवेदी ने गांधी नगर थाने में प्रकरण दर्ज करा दिया है। अब पुलिस चोर की तलाश करने जांच पड़ताल करेगी। दस दिन पहले एक लड़का गर्ल्स हास्टल में घुस गया था। वह तीसरी मंजिल तक पहुंच गया था, जिसे छात्राओं ने पकड़ लिया था। यहां तक उसके विडियो और फोटो तक निकाल लिए थे। वीडियो और फोटो होने के बाद आरजीपीवी कुछ नहीं कर पाया। बल्कि उसे छोड़ दिया गया। आरजीपीवी में एमएनआरई का 30 किलो वाट का सीएलएसटी सोलर प्रोजेक्ट लगाा है। टोक्यू इंस्टीटम्यूट आफ टेक्नालाजी जापा और आरजीपीवी संयुक्त रूप से प्रोजेक्ट पर वर्क कर रहे हैं। इसमें करीब 60 माइक्रो कंट्रोलर और एक्युएटर लगाए गए हैं, जो जापान से लिए गए थे। उनकी कीमत करीब पांच लाख रुपए थी, जिसे चोर उठा ले गए थे। इससे रिसर्च वर्क जरुर सफर हुआ था। दूसरी चोरी कर्मचारी निवास से एक टीवी, कपड़े और कुछ नगदी लेकर चोर चंपत हो गए थे। इसकी पूरी वसूली तत्कालीन आईपीएस सुरक्षा एजेंसी से हुई थी। प्रोफेसर के घर हुई चोरी की वसूली भी वर्तमान एजेंसी केबीएस से होगी। 
ये रहा सुरक्षा का दायरा 
आरजीपीवी का कैंपस ढाई सौ एकड़ में फैला हुआ है। इसमें करीब 90 सुरक्षाकर्मी को तैनात किया गया है। सभी कर्मियों पर आरजीपीवी 11 लाख रुपए का प्रति माह भुगतान करता है। आरजीपीवी सुरक्षा एजेंसी बदल चुका है, लेकिन चोरी की बारदात पर रोक नहीं लगा सका है। चोरी में आरजीपीवी कैंपस से लगी बस्तियों पर संदेह होना बताया गया है। 

Source : MP education

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